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दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस (World-10-most-dangerous-computer-viruses-in-hindi)

कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर प्रोग्राम (computer program) है जो स्वतः ही अपनी प्रतिकृति बना सकता है और उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना किसी कम्प्यूटर को संक्रमित कर सकता है| विभिन्न प्रकार के मालवेयर (malware) और एडवेयर (adware) प्रोग्राम्स के सन्दर्भ में भी "वायरस" शब्द का उपयोग सामान्य रूप से होता है|

आइए जानें दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कम्प्यूटर वायरस कौन से हैं?

1. Conficker वायरस



शुरूआत - 2009
प्रसार का माध्यम - सोशल नेटवर्किंग साइट्स
वायरस का प्रभाव - यह वायरस विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा चलने वाले सिस्टम को प्रभावित करता है। इस वायरस का प्रयोग वित्तीय आकड़ों और सूचनाओं को चुराने के लिए किया जाता है। सिस्टम में इस वायरस के आक्रमण के बाद लोकल नेटवर्क से जुड़ी दूसरी डिवाइसेज भी प्रभावित हो जाती है| यह वायरस करोड़ों सरकारी ऑफिस, बिजनेस ऑफिस और घरों में उपयोग हो रहे कम्प्यूटर्स को प्रभावित कर चुका है।


2. Mebroot वायरस



शुरूआत – 2007
प्रसार का माध्यम – वेबसाइट
वायरस का प्रभाव - यह वायरस कम्प्यूटर में डाउनलोड होते ही पूरे सिस्टम को अपने कंट्रोल में ले लेता है और कुछ ही सेकेण्ड में स्वंय का कॉपी होकर हजारों फाइल बना लेता है। इस वायरस से प्रभावित सिस्टम पर हैकर्स किसी भी उपयोगकर्ता के फाइल मैनेजर, रजिस्ट्री एडिटर, वेबकेम, पावर ऑप्शन, रिमोट आईपी स्कैनर आदि पर पूरा कंट्रोल कर लेता है।

3. Leap वायरस




शुरूआत – 2006
प्रसार का माध्यम – संदेश
वायरस का प्रभाव – यह वायरस सर्वप्रथम एप्पल के मैकबुक को प्रभावित किया था| यह वायरस संदेश के माध्यम से i-चैट से जुड़े व्यक्तियों के पास फर्जी संदेश भेजता है| इस वायरस से प्रभावित सिस्टम काफी धीमा हो जाता है|

4. Storm Worm वायरस




शुरूआत - 2006
प्रसार का माध्यम - हायपरलिंक
वायरस का प्रभाव - यह वायरस मेल के साथ आने वाले लिंक पर क्लिक करते ही फोन में इन्स्टॉल हो जाता है। जैसे ही यह सिस्टम में डाउनलोड होता है, हैकर्स उस कम्प्यूटर पर नियंत्रण कर इंटरनेट के द्वारा स्मैप (तस्वीर) भेज सकता है।


5. My Doom वायरस




शुरूआत - 2004
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस “mail transaction failed” जैसे शीर्षक के साथ आता है| यह वायरस मेल बॉक्स के एड्रेस बुक में ट्रांसफर होकर डाटा को समाप्त कर देता है।

6. Beast Trojan Horse वायरस



शुरूआत - 2002
प्रसार का माध्यम - सॉफ्टवेयर
वायरस का प्रभाव - यह वायरस कम्प्यूटर में डाउनलोड होते ही पूरे सिस्टम को अपने कंट्रोल में ले लेता है और कुछ ही सेकेण्ड में स्वंय का कॉपी होकर हजारों फाइल बना लेता है। इस वायरस से प्रभावित सिस्टम पर हैकर्स किसी भी उपयोगकर्ता के फाइल मैनेजर, रजिस्ट्री एडिटर, वेबकेम, पावर ऑप्शन, रिमोट आईपी स्कैनर आदि पर पूरा कंट्रोल कर लेता है।


7. अन्ना कुर्निकोवा वायरस



शुरूआत - 2000
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस डाटा को प्रभावित करने के साथ ही बहुत तेजी से मेल बॉक्स में फैल जाता है। इस वायरस के साथ टेनिस स्टार “अन्ना कुर्निकोवा” की फोटो अटैच होती है, जिसके कारण इस वायरस को अन्ना कुर्निकोवा वायरस कहते हैं|


8. I love you वायरस



शुरूआत - 2000
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस I love you शीर्षक के साथ आता है और इसके साथ Love letter for you अटैचमेंट जुड़ा रहता है| इस मेल को खोलते ही यह वायरस एक्टिव हो जाता है। यह वायरस अपने आप सिस्टम में आ जाता है और उपयोगकर्ता के मेल बॉक्स में मौजूद 50 लोगों को ठीक वही मैसेज भेज देता है जिस संदेश के माध्यम से वह किसी उपयोगकर्ता के सिस्टम में आया था। यह वायरस पूरे मेल और सर्वर सिस्टम को क्रैश कर देता है। यह वायरस अब तक कई बैंकिंग सिस्टम को भी खत्म कर चुका है। इस वायरस के कारण कई पेजर और पेजिंग सर्विसेस को बंद करना पड़ा है|

9. Melissa वायरस



शुरूआत - 1999
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस अपने आप सिस्टम में आ जाता है और उपयोगकर्ता के मेल बॉक्स में मौजूद 50 लोगों को ठीक वही मैसेज भेज देता है जिस संदेश के माध्यम से वह किसी उपयोगकर्ता के सिस्टम में आया था। यह वायरस जिस नेटवर्क पर भी हमला करता है तो उसे ओवरलोड कर देता है। इस वायरस के आक्रमण के कारण उपयोगकर्ता की आईडी से एक साथ कई मेल जाने लगता है। इस वायरस का नाम फ्लोरिडा की डांसर के नाम पर रखा गया है|

10. CIH वायरस



शुरूआत - 1988
प्रसार का माध्यम - हार्ड ड्राइव
वायरस का प्रभाव – इस वायरस के अटैक से सिस्टम का हार्ड ड्राइव क्रैश हो जाता है। यह वायरस सिस्टम के बायोस (BIOS) चिप को ओवरराइट कर देता है।

कम्प्यूटर वायरस फैलता कैसे है?
कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में तभी फ़ैल सकता है जब इसका होस्ट एक असंक्रमित कम्प्यूटर में लाया जाता है| उदाहरण के लिए जब एक उपयोगकर्ता फ्लॉपी डिस्क (floppy disk), CD या USB ड्राइव (USB drive) का प्रयोग करता है तो इन उपकरणों के माध्यम से वायरस दूसरे कम्पूटरों में फैलता है| आजकल अधिकांश व्यक्तिगत कम्प्यूटर इंटरनेट और लोकर एरिया नेटवर्क से जुड़े होते हैं और लोकल एरिया नेटवर्क (local area network), वायरस को फैलाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है। इसके अलावा वर्ल्ड वाइड वेब, ई मेल, त्वरित संदेश (Instant Messaging) और संचिका साझा (file sharing) प्रणालियां भी वायरसों को फैलने में मदद करती हैं।

दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमको बताना ना भूले। अगले पोस्ट में हम आपको बताएंगे की अपने कम्प्यूटर को वॉयरस से कैसे बचायें।


Tech Info by M.M.

अगर खो गया है आपका स्मार्टफोन तो तुरंत करे ऐसे पता


हेल्लो दोस्तों आज हम आपके लिए ऐसा पोस्ट लाये है जिसकी मदद से आप अपना खोया हुआ स्मार्टफोन वापस पा सकते है या फिर उससे जुड़े बहुत से काम कर सकते है।
स्मार्टफोन की आज कल सबको जरुरत होती है यहाँ तक बोले तो स्मार्टफोन हमारी ज़िन्दगी में बहुत बड़ा हिस्सा बन गया है, जहा स्मार्टफोन का यूज़ बात करने के लिए तो बहुत से लोग अपने काम के लिए उसका प्रयोग करते है। स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले एंड्राइड प्लेट फार्म में बहुत से ऐसे फीचर है जिनके बारे में हमको पता नहीं होता है, आज हम उन्ही में से एक फीचर और सर्विस के बारे में पता करेंगे की अपना खोया एंड्रॉइड स्मार्ट फ़ोन कैसे सर्च करें।
इसके लिए आपके पास उस स्मर्टफ़ोने में यूज़ ई-मेल आई.डी. और  पासवर्ड होना चाहिए।
आइये पता करते है स्टेप बाई स्टेप कैसे सर्च करे अपना स्मर्टफ़ोने।
Step 1. सबसे पहले आपके पास इन्टरनेट सर्विस होनी चाहिए, चाहे वो लैपटॉप, कंप्यूटर में हो या स्मार्ट फ़ोन में।
Step 2. अब आप अपने स्मार्टफोन या पी.सी. में ब्राउज़र को ओपन करिये।
Step 3. अब आप उसने गूगल.कॉम को खोलिये ।
Step 4. गूगल में जाकर Google Android Manager को सर्च करिये।
Step 5. गूगल सर्च होने के बाद फर्स्ट लिंक जो गूगल की होगी उसको ओपन करिये।
Step 6. ओपन करने के बाद उसमें अपना वो ई-मेल आई.डी. और पासवर्ड डालिये जो उस स्मर्टफ़ोन में पड़ी हो जो खो गया है।

Step 7. उसके बाद लॉग इन करिये ।
Step 8. लॉगिन होने के बाद में आपको आपके फ़ोन का नाम दिखायेगा।
Step 9. वही पर आपको राईट साइड पर एक मेनू बार शो हो रहा होगा उसको क्लिक करें।
Step 10. उसको क्लिक करते ही इसमें लोकेशन का ऑप्शन आएगा बस उसको क्लिक कर दीजिये।
Step 11. लोकेशन सर्च करने लगेगा व कुछ ही सेकंड में आपके मोबाइल की लोकेशन शो हो जाएगी।
( चुकी ये लोकेशन तभी बताता है जब आपके मोबाइल की लोकेशन ऑन होगी। )
Step 12. इसी में आप को कई और सर्विस भी मिलेंगी जिसमे एक है रिंग करना अपने फ़ोन में और लॉक करना अपने फ़ोन को।
Step 13. यदि आपका डाटा बहुत जरुरी है मोबाइल में और आप नहीं चाहते कोई और उसको देखे तो आप यही से उस सब डाटा को डिलीट भी कर सकते है। उसके लिए आपको Erase data पर क्लिक करना होगा।

इस पोस्ट में लिखी सभी बात मैंने अपने खुद के मोबाइल पर अमल की है और ये सब मेरे फ़ोन में काम भी करी, यदि आपके फ़ोन के लिए काम नहीं करती है तो इसमें हमारे पोस्ट और ब्लॉग की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
यह ब्लॉग और पोस्ट सिर्फ टेक्निकल इनफार्मेशन को आगे ले जाने के लिए है यह किसी भी तरह से किसी साइबर क्राइम को सपोर्ट नहीं करता है।
धन्यबाद
Tech Info By M.M.

अब बिना इंटरनेट के ऐसे जमकर चलाएं व्हाट्सएप...

अगर आप सोशल साइट व्हाट्सएप (WhatsApp) का प्रयोग करते हैं तो इस खबर के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। क्योंकि अब आप बिना इंटरनेट के भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको चैट सिम का इस्तेमाल करना होगा।
इस चैट सिम के द्वारा आप बिना इंटरनेट न सिर्फ व्हाट्सएप बल्कि लाइन, टेलीग्राम और फेसबुक मैसेंजर जैसे एप्स का इस्तेमाल भी बिना इंटरनेट के कर सकते हैं। यह सर्विस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में समान रूप से काम करेगी।
अभी चैट सिम दुनिया के 150 देशों में उपलब्ध है। इनमें भारत भी शामिल है। भारत में इस सेवा का लाभ उठाने के लिए सालाना 900 रुपए चुकाने होंगे। भारत में चैट सिम आपको स्टोर पर नहीं मिलेगा। इसे ऑनलाइन ऑर्डर करना होगा।

क्या है चैट सिम
चैट सिम विश्व का पहला सिम कार्ड है जिसमें बिना इंटरनेट के सभी चैट एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आप अनलिमिटेड टैक्स्ट मैसेज भेज और रिसीव कर सकते हैं। हालांकि टेक्स्ट के अलावा इस सिम की मदद से आप और किसी भी तरह की जानकारी नहीं भेज सकते हैं। जैसे फोटो, वीडियो आदि।
कैसे करता है काम
चैट सिम जैसे ही फोन में लगाते हैं वैसा ही यह लोकल नेटवर्क ऑपरेटर्स को सर्च कर डाटा से कनेक्ट हो जाता है। डेटा कनेक्ट होते ही आप किसी भी एप्लीकेशन के माध्यम से चैट शुरु कर सकते हैं।
दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लगी, हमको कमेंट पर बताना ना भूलें।
धन्यबाद
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कैसे लगाये अपने जियो नंबर पर फ्री जियो कॉलर टोन

दोस्तों अगर आप नहीं चाहते है लोग आपको फ़ोन करे और उनको बोरिंग की कॉमन टोन सुनाई दे, तो अब आप अपने जियो नंबर पर जियो कॉलर टोन लगा सकते हैं और लोगो को अपना मन चाहा गाना या टोन सुना सकते हैं।
अब लोग आपको करेंगे बार बार कॉल जब होगी आपके पास जियो की कॉलर टोन।
आइये जानते है कैसे लगाये जियो कॉलर टोन अपने जियो नंबर पर वो भी बिल्कुल फ्री।
किसी भी गाने को अपनी कॉलर टोन बनाने के लिए फॉलो करिये इन स्टेप्स को-
MOVIE <movie Name> send it to 56789
ALBUM <Album Name> send it to 56789
SINGER <singer Name> send it to 56789
Eg. song “Tu Mera Khuda from Ae Dil Hai Mushkil movie.

1. Send MOVIE <AE DIL HAI MUSHKIL> to 56789
2. Send your song number.
3. Soon you will receive another message asking your confirmation. Send Y to confirm.
4. Your caller tune will be activated instantly.
अगर आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत आती है तो आप कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके पूछ सकते हैं।
हम सभी कमेंट का रिप्लाई देते हैं।
दोस्तों शेयर करिये और कमेंट करके बताइये आपको हमारा ये और बाकी पोस्ट कैसे लगे।
धन्यबाद
Tech Info By M.M.