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कैसे चुपके या दूर से एंड्रॉइड डिवाइस को मैसेज से बंद करें (How to Secretly or Remotely Turn Off Android Device By Text Message)

रिमोटली बन्द(ऑफ) करें अपना स्मार्टफोन:- यह पोस्ट काफी यूजफुल होगा आपके लिए, इस पोस्ट में मै आपको बताने जा रहा हूं की कैसे आप बिना किसी के पता चलें अपना स्मार्टफोन दूर से सिर्फ मैसेज़ भेज कर, कैसे स्वीच ऑफ करें।


बिना इंटरनेट कैसे यूज़ करें फ्री व्हाट्सएप्प वो भी 100% फ्री (Use WhatsApp Without Internet Balance 100% Working 2017)

WhatsApp Without Internet Balance: Hello Everyone, Welcome to Tech info by mm.
Today we are going to discuss a very important tutorial that is how to use Whatsapp without internet data Balance and trust me, guys, the tutorial is very easy anyone who has a basic Android knowledge can successfully do this tutorial and the best thing is it is 100% free. During the time of tutorial if you find any queries then please feel free to ask us, by simply commenting in the comment box and we will get to you ASAP.

This tutorial is basically about an app known as HTTP INJECTOR and how to use it for free Internet. This trick may or may not work on some devices, but I have tested in my device which is running on Android Marshmallow respectively and in the devices it is working fine.

Use WhatsApp Without Internet Balance 100% Working 2017

Things You Need:- 

Android DeviceHttp Injector (Download) Sim Card without Any type of Balance

Step 1: Open a browser, I recommend to use chrome and then open “www.tcpvpn.com“. After that just scroll Down and you will get to see
Asia server then tap on Select in Asia and then Under Server TCP VPN ID 1 tap on Create username and password and then register.

Step 2: After registering you will get to see a green box with some details, write each and every detail which is visible inside the green box in a paper (This is very important).

Step 3: After that install and Open HTTP INJECTOR and then tap on the three line option in the upper left and then select the Payload Generator

Step 4: Fill and select the same things shown below and then tap Generate.

Step 5: Fill the remote proxy as globe.mymusic.ph:80 and then tap on the Start.

Step 6: Fill the details, which you had written earlier in a paper and make sure you must write 22 in the port section and after completion of form filling then Save, then enable mobile data and then click on start, Voila, You did it, Now you can Run whats app without data balance.

Note: If it doesn’t connect try connecting 3-4 times. you can check your connection status in the Log tab.

Every tutorial in Tech Info ByTech. is for educational purpose, We are not responsible for any loss.

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इंटरनेट क्या है ? (What is internet?)


इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का आविष्कार है। ये किसी के भी द्वारा दुनिया के किसी भी कोने से जानकारी प्राप्त करने की आश्चर्यजनक सुविधा उपलब्ध कराता है। इसके माध्यम से हम लोग आसानी से किसी एक जगह रखे कम्प्यूटर को किसी भी एक या एक से अधिक कम्प्यूटर से जोड़कर जानकारी का आदान प्रदान कर सकते है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़ा या छोटा संदेश, अथवा किसी प्रकार की जानकारी किसी भी कम्प्यूटर या डिजीटल डिवाइस(यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाईल, पीसी पर भेज सकते है। ये जानकारीयों का बड़ा संग्रह है जिसमें लाखों वेबसाइट है जैसे-घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी आदि। हम इसे नेटवर्कों का नेटवर्क कह सकते है।

नेटवर्कों का बड़ा नेटवर्क है इंटरनेट, जिसका इस्तेमाल कर हम लोग दुनिया के किसी भी कोने से मौजूद कोई भी जानकारी पता कर सकते है। दूरसंचार लाइन और मौड्यूलेट्-डीमौड्यूलेट् के माध्यम से इसकी पहुँच कहीं भी हो सकती है साथ ही ये हमारे कम्प्यूटर में एनालॉग सिग्नल को डीजीटल सिग्नल में परिवर्तित कर भेजता है। इंटरनेट की खोज हमारे लिये असंख्य फायदे ले आयी है, जबकि हम इसके नुकसान से भी नहीं बच सकते। इसका उपयोग हमलोग बहुत तरीके से करते है जैसे- ईमेल, संदेश, ऑनलाइन बात करने के लिये, फाइल स्थानांतरण करने के लिये तथा वर्ल्ड वाइड वेब के द्वारा वेब पेजों और दूसरे दस्तावेजों की प्राप्ति के लिये करते है।
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इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ते ही हमारी पहुँच वर्ल्ड वाइड वेब तक हो जाती है। वेब पेजों को खोलते ही हम किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते है और अपने उद्देश्य की प्राप्ती कर सकते है। वेब पेजों को खोलने की कोई समय-सीमा नहीं है, हम इसे एक मिनट या एक घंटा या उससे ज्यादा समय के लिये भी खोल सकते है साथ ही अपने मतलब के किसी भी पेज को हम अपने कम्प्यूटर में सुरक्षित कर सकते है। इसके द्वारा हम अपने प्रोजेक्ट को बहुत आसानी और समय से पूरा कर सकते है।
इंटरनेट के माध्यम से आमजन का जीवन आसान हो गया है क्योंकि इसके द्वारा हम बिना घर के बाहर गये ही अपना बिल जमा करना, फिल्म देखना, व्यापारिक लेन-देन करना, सामान खरीदना आदि काम कर सकते है। अब ये हमारे जीवन का एक खास हिस्सा बन चुका है हम कह सकते है कि इसके बिना हमे अपने रोजमर्रा के जीवन में तमाम मुश्किलें का सामना करना पड़ सकता है। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खास तौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये। जैसे ही हम अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता को इसके कनेक्शन के लिये पैसे देते है उसी समय से हम इसका प्रयोग दुनिया के किसी भी कोने से एक हफ्ते या उससे ज्यादा समय के लिये कर सकते है। ये हमारे इंटरनेट प्लान पर निर्भर करता है।
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इंटरनेट के हमारे जीवन में प्रवेश के साथ ही, हमारी दुनिया बड़े पैमाने पर बदल गई कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्क रुप में। ये विद्यार्थी, व्यापारी, सरकारी एजेंसी, शोध संस्थान आदि के लिये बहुत फायदेमंद है। इससे विद्यार्थी अपने पढ़ाई से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते थे, व्यापारी एक जगह से ही अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है, इससे सरकारी एजेंसी अपने काम को समय पर पूरा कर सकती है तथा शोध संस्थान और शोध करने के साथ ही उत्कृष्ट परिणाम दे सकती है।
इंटरनेट के माध्यम से इंसान के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसने व्यक्ति के समय और मेहनत की बचत की इसलिये ये जानकारी पाने के लिये बहुत फायदेमंद है साथ ही इससे कम खर्च में ज्यादा आमदनी प्राप्त हो सकती है। ये नगण्य समय लेते हुये जानकारी को आपके घर तक पहुँचाने की दक्षता रखता है। मूलत: इंटरनेट नेटवर्कों का नेटवर्क है जो एक जगह से नियंत्रण के लिये कई सारे कम्प्यूटरों को जोड़ता है। आज इसका प्रभाव दुनिया के हर कोने में देखा जा सकता है। इंटरनेट से जुड़ने के लिये एक टेलिफोन कनेक्शन, एक कम्प्यूटर और एक मॉडम की जरुरत होती है।
ये दुनिया के किसी भी जगह से पूरे विश्वभर की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करने में हमारी मदद करता है। इसके द्वारा हम वेबसाइट से कुछ सेकेंडों में ही जानकारी को जमा, इकट्ठा और भविष्य के लिये सुरक्षित कर सकते है। मेरे स्कूल के कम्प्यूटर लैब में इंटरनेट की सुविधा है जहाँ हम अपने प्रोजेक्ट से संबंधित जरुरी जानकारी को प्राप्त कर सकते है। मेरे कम्प्यूटर शिक्षक मुझे ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के लिये इंटरनेट के उचित इस्तेमाल की सलाह देते है।
इससे ऑनलाइन संपर्क तेज और आसान हो गया है जिससे संदेश या विडियो कॉनप्रेंस के द्वारा दुनिया में कहीं भी मौजुद लोग एक-दूसरे से जुड़ सकते है। इसकी मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा, प्रोजेक्ट, तथा रचनात्मक कार्यों में भाग लेना आदि कर सकता है। इससे विद्यार्थी अपने शिक्षकों और दोस्तो से ऑनलाइन जुड़कर कई सारे विषयों पर चर्चा कर सकता है। इसकी सहायता से हम लोग विश्व में कुछ भी जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे-कहीं की यात्रा के लिये उसका पता तथा सटीक दूरी आदि जान सकते है।
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आधुनिक समय में, पूरी दुनिया में इंटरनेट एक बहुत ही शक्तिशाली और दिलचस्प माध्यम बनता जा रहा है। ये एक नेटवर्कों का नेटवर्क है और कई सारी सेवाओं तथा संसाधनों का समूह है जो हमें कई प्रकार से लाभ पहुँचाता है। इसके इस्तेमाल से हमलोग कहीं से भी वर्ल्ड वाइड वेब तक पहुँच सकते है। ये हमें बड़ी तादाद में सुविधा मुहैया कराता है जैसे-ईमेल, सर्फिंग सर्च इंजन, सोशल मीडिया के द्वारा बड़ी हस्तियों से जुड़ना, वेब पोर्टल तक पहुँच, शिक्षाप्रद वेबसाइटों को खोलना, रोजमर्रा की सूचनाओं से अवगत रहना, विडियो बातचीत आदि। ये सभी का सबसे अच्छा दोस्त बनता है। आधुनिक समय में लगभग हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिये कर रहा है। जबकि हमें अपने जीवन पर इससे पड़ने वाले फायदे-नुकसान के बारे में भी जानना चाहिये।
विद्यार्थीयों के लिये इसकी उपलब्धता जितनी लाभप्रद है उतनी ही नुकसानदायक भी क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता के चोरी से इसके माध्यम से गलत वेबसाइटों का भी इस्तेमाल करते है जोकि उनके भविष्य को नुकसान पहुँचा सकता है। ज्यादातर माता-पिता इस खतरे को समझते है लेकिन कुछ इसे नज़रअंदाज कर देते है और खुलकर इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। इसलिये घर में बच्चों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल अभिवावकों की देखरेख में होनी चाहिये।
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अपने कम्प्यूटर सिस्टम में पासवर्ड और प्रयोक्ता नाम डाल कर अपने खास डाटा को दूसरों से सुरक्षित रख सकते है। इंटरनेट हमें किसी भी ऐप्लिकेशन प्रोग्राम के द्वारा अपने दोस्त, माता-पिता और शिक्षकों को किसी भी क्षण संदेश भेजने की आजादी देता है। ये जान कर हैरानी होगी कि उत्तरी कोरिया, म्यांमार आदि कुछ देशों में इंटरनेट पर पाबंदी है क्योंकि वो इसे बुरा समझते है। कभी-कभी इंटरनेट से सीधे-तौर पर कुछ भी डाउनलोड करने के दौरान, हमारे कम्प्यूटर में वाइरस, मालवेयर, स्पाइवेयर, और दूसरे गलत प्रोग्राम आ जाते है जो हमारे सिस्टम को नुकसान पहुँचा सकते है। ऐसा भी हो सकता है कि हमारे सिस्टम में रखे डाटा को बिना हमारी जानकारी के पासवर्ड होने के बावजूद भी इंटरनेट के द्वारा हैक कर लिया जाये।
इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो पूरी दुनिया के कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़ता है। इसने रोज के कार्यों की प्राप्ति को बेहद आसान बनाया है जो कि एक समय कठिन लंबा और समय लेने वाला था । हमलोग बिना इसके अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते जिसको इंटरनेट कहा जाता है। जैसाकि इस धरती पर हर चीज का एक फायदा-नुकसान होता है उसी तरह इंटरनेट का भी हमारे जीवन का अच्छा और बुरा प्रभाव है। इंटरनेट की वजह से ही ऑनलाइन संचार बहुत ही सरल और आसान हो गया है। पुराने समय में संचार का माध्यम पत्र होता था जोकि लंबा समय लेने वाला और कठिन होता था क्योंकि इसके लिये किसी एक को लंबी दूरी तय कर संदेश पहुँचाना पड़ता था। लेकिन अब, कुछ सोशल नेटवर्किग साइट को खोलने के लिये हमें सिर्फ इंटरनेट से जुड़ने की जरुरत है साथ ही जी-मेल, याहू आदि अकांउट के द्वारा सेकेंडो में ही संदेश को भेजा जा सकता है।
मेट्रों, रेलवे, व्यापारिक उद्योग, दुकान, स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, एनजीओ, विश्वविद्यालय, कार्यालय (सरकारी तथ गैर-सरकारी) में हर डाटा को कंप्यूरीकृत करके बड़े स्तर पर कागज और कागजी कार्यों से बचा जा सकता है। इसके माध्यम से एक जगह से पूरे विश्व के बारे में समय-समय पर खबर जाना जा सकता है। ढ़ेर सारी जानकारीयों को जमा करने में ये बहुत दक्ष और प्रभावकारी है चाहे वो किसी भी विषय से संदर्भित हो चंद सेकेंड में ही उपलब्ध हो जाएगा। ये शिक्षा, यात्रा, और व्यापार में बहुत उपयोगी है। इसके द्वारा ऑनलाइन पब्लिक लाइब्रेरी, टेक्स्टबुक, तथा संबंद्ध विषयों तक पहुँच आसान हुई है।
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पहले के समय में जब लोग बिना इंटरनेट के थे, उन्हे कई प्रकार के कार्यों के लिये लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता था जैसे रेलवे का टिकट लेने के लिये। लेकिन आधुनिक समय में लोग बस एक क्लिक से टिकट की बुकिंग कर सकते है साथ ही एक सॉफ्ट कॉपी अपने मोबाईल फोन में भी रख सकते है। इंटरनेट की दुनिया में, किसी एक को ये जरुरी नहीं कि लंबी दूरी तय करके वो अपने किसी व्यापारिक मुलाकात या किसी और काम के लिये यात्रा करे। कोई भी विडियों कॉनप्रेंसिंग, कॉलिंग, स्काईप या दूसरे तरीकों से अपनी जगह पर रह कर ही बैठक का हिस्सा बन सकता है। इंटरनेट हमें कई तरीकों से फायदा पहुँचाता है जैसे ऑनलाइन स्कूल, कॉलेज, या विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलाने में, व्यापारिक और बैंकिंग लेन-देन में, शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति में, ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन करने में, बिल जमा करने आदि में मदद करता है।

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दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस (World-10-most-dangerous-computer-viruses-in-hindi)

कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर प्रोग्राम (computer program) है जो स्वतः ही अपनी प्रतिकृति बना सकता है और उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना किसी कम्प्यूटर को संक्रमित कर सकता है| विभिन्न प्रकार के मालवेयर (malware) और एडवेयर (adware) प्रोग्राम्स के सन्दर्भ में भी "वायरस" शब्द का उपयोग सामान्य रूप से होता है|

आइए जानें दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कम्प्यूटर वायरस कौन से हैं?

1. Conficker वायरस



शुरूआत - 2009
प्रसार का माध्यम - सोशल नेटवर्किंग साइट्स
वायरस का प्रभाव - यह वायरस विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा चलने वाले सिस्टम को प्रभावित करता है। इस वायरस का प्रयोग वित्तीय आकड़ों और सूचनाओं को चुराने के लिए किया जाता है। सिस्टम में इस वायरस के आक्रमण के बाद लोकल नेटवर्क से जुड़ी दूसरी डिवाइसेज भी प्रभावित हो जाती है| यह वायरस करोड़ों सरकारी ऑफिस, बिजनेस ऑफिस और घरों में उपयोग हो रहे कम्प्यूटर्स को प्रभावित कर चुका है।


2. Mebroot वायरस



शुरूआत – 2007
प्रसार का माध्यम – वेबसाइट
वायरस का प्रभाव - यह वायरस कम्प्यूटर में डाउनलोड होते ही पूरे सिस्टम को अपने कंट्रोल में ले लेता है और कुछ ही सेकेण्ड में स्वंय का कॉपी होकर हजारों फाइल बना लेता है। इस वायरस से प्रभावित सिस्टम पर हैकर्स किसी भी उपयोगकर्ता के फाइल मैनेजर, रजिस्ट्री एडिटर, वेबकेम, पावर ऑप्शन, रिमोट आईपी स्कैनर आदि पर पूरा कंट्रोल कर लेता है।

3. Leap वायरस




शुरूआत – 2006
प्रसार का माध्यम – संदेश
वायरस का प्रभाव – यह वायरस सर्वप्रथम एप्पल के मैकबुक को प्रभावित किया था| यह वायरस संदेश के माध्यम से i-चैट से जुड़े व्यक्तियों के पास फर्जी संदेश भेजता है| इस वायरस से प्रभावित सिस्टम काफी धीमा हो जाता है|

4. Storm Worm वायरस




शुरूआत - 2006
प्रसार का माध्यम - हायपरलिंक
वायरस का प्रभाव - यह वायरस मेल के साथ आने वाले लिंक पर क्लिक करते ही फोन में इन्स्टॉल हो जाता है। जैसे ही यह सिस्टम में डाउनलोड होता है, हैकर्स उस कम्प्यूटर पर नियंत्रण कर इंटरनेट के द्वारा स्मैप (तस्वीर) भेज सकता है।


5. My Doom वायरस




शुरूआत - 2004
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस “mail transaction failed” जैसे शीर्षक के साथ आता है| यह वायरस मेल बॉक्स के एड्रेस बुक में ट्रांसफर होकर डाटा को समाप्त कर देता है।

6. Beast Trojan Horse वायरस



शुरूआत - 2002
प्रसार का माध्यम - सॉफ्टवेयर
वायरस का प्रभाव - यह वायरस कम्प्यूटर में डाउनलोड होते ही पूरे सिस्टम को अपने कंट्रोल में ले लेता है और कुछ ही सेकेण्ड में स्वंय का कॉपी होकर हजारों फाइल बना लेता है। इस वायरस से प्रभावित सिस्टम पर हैकर्स किसी भी उपयोगकर्ता के फाइल मैनेजर, रजिस्ट्री एडिटर, वेबकेम, पावर ऑप्शन, रिमोट आईपी स्कैनर आदि पर पूरा कंट्रोल कर लेता है।


7. अन्ना कुर्निकोवा वायरस



शुरूआत - 2000
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस डाटा को प्रभावित करने के साथ ही बहुत तेजी से मेल बॉक्स में फैल जाता है। इस वायरस के साथ टेनिस स्टार “अन्ना कुर्निकोवा” की फोटो अटैच होती है, जिसके कारण इस वायरस को अन्ना कुर्निकोवा वायरस कहते हैं|


8. I love you वायरस



शुरूआत - 2000
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस I love you शीर्षक के साथ आता है और इसके साथ Love letter for you अटैचमेंट जुड़ा रहता है| इस मेल को खोलते ही यह वायरस एक्टिव हो जाता है। यह वायरस अपने आप सिस्टम में आ जाता है और उपयोगकर्ता के मेल बॉक्स में मौजूद 50 लोगों को ठीक वही मैसेज भेज देता है जिस संदेश के माध्यम से वह किसी उपयोगकर्ता के सिस्टम में आया था। यह वायरस पूरे मेल और सर्वर सिस्टम को क्रैश कर देता है। यह वायरस अब तक कई बैंकिंग सिस्टम को भी खत्म कर चुका है। इस वायरस के कारण कई पेजर और पेजिंग सर्विसेस को बंद करना पड़ा है|

9. Melissa वायरस



शुरूआत - 1999
प्रसार का माध्यम - ईमेल
वायरस का प्रभाव - यह वायरस अपने आप सिस्टम में आ जाता है और उपयोगकर्ता के मेल बॉक्स में मौजूद 50 लोगों को ठीक वही मैसेज भेज देता है जिस संदेश के माध्यम से वह किसी उपयोगकर्ता के सिस्टम में आया था। यह वायरस जिस नेटवर्क पर भी हमला करता है तो उसे ओवरलोड कर देता है। इस वायरस के आक्रमण के कारण उपयोगकर्ता की आईडी से एक साथ कई मेल जाने लगता है। इस वायरस का नाम फ्लोरिडा की डांसर के नाम पर रखा गया है|

10. CIH वायरस



शुरूआत - 1988
प्रसार का माध्यम - हार्ड ड्राइव
वायरस का प्रभाव – इस वायरस के अटैक से सिस्टम का हार्ड ड्राइव क्रैश हो जाता है। यह वायरस सिस्टम के बायोस (BIOS) चिप को ओवरराइट कर देता है।

कम्प्यूटर वायरस फैलता कैसे है?
कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में तभी फ़ैल सकता है जब इसका होस्ट एक असंक्रमित कम्प्यूटर में लाया जाता है| उदाहरण के लिए जब एक उपयोगकर्ता फ्लॉपी डिस्क (floppy disk), CD या USB ड्राइव (USB drive) का प्रयोग करता है तो इन उपकरणों के माध्यम से वायरस दूसरे कम्पूटरों में फैलता है| आजकल अधिकांश व्यक्तिगत कम्प्यूटर इंटरनेट और लोकर एरिया नेटवर्क से जुड़े होते हैं और लोकल एरिया नेटवर्क (local area network), वायरस को फैलाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है। इसके अलावा वर्ल्ड वाइड वेब, ई मेल, त्वरित संदेश (Instant Messaging) और संचिका साझा (file sharing) प्रणालियां भी वायरसों को फैलने में मदद करती हैं।

दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमको बताना ना भूले। अगले पोस्ट में हम आपको बताएंगे की अपने कम्प्यूटर को वॉयरस से कैसे बचायें।


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अगर खो गया है आपका स्मार्टफोन तो तुरंत करे ऐसे पता


हेल्लो दोस्तों आज हम आपके लिए ऐसा पोस्ट लाये है जिसकी मदद से आप अपना खोया हुआ स्मार्टफोन वापस पा सकते है या फिर उससे जुड़े बहुत से काम कर सकते है।
स्मार्टफोन की आज कल सबको जरुरत होती है यहाँ तक बोले तो स्मार्टफोन हमारी ज़िन्दगी में बहुत बड़ा हिस्सा बन गया है, जहा स्मार्टफोन का यूज़ बात करने के लिए तो बहुत से लोग अपने काम के लिए उसका प्रयोग करते है। स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले एंड्राइड प्लेट फार्म में बहुत से ऐसे फीचर है जिनके बारे में हमको पता नहीं होता है, आज हम उन्ही में से एक फीचर और सर्विस के बारे में पता करेंगे की अपना खोया एंड्रॉइड स्मार्ट फ़ोन कैसे सर्च करें।
इसके लिए आपके पास उस स्मर्टफ़ोने में यूज़ ई-मेल आई.डी. और  पासवर्ड होना चाहिए।
आइये पता करते है स्टेप बाई स्टेप कैसे सर्च करे अपना स्मर्टफ़ोने।
Step 1. सबसे पहले आपके पास इन्टरनेट सर्विस होनी चाहिए, चाहे वो लैपटॉप, कंप्यूटर में हो या स्मार्ट फ़ोन में।
Step 2. अब आप अपने स्मार्टफोन या पी.सी. में ब्राउज़र को ओपन करिये।
Step 3. अब आप उसने गूगल.कॉम को खोलिये ।
Step 4. गूगल में जाकर Google Android Manager को सर्च करिये।
Step 5. गूगल सर्च होने के बाद फर्स्ट लिंक जो गूगल की होगी उसको ओपन करिये।
Step 6. ओपन करने के बाद उसमें अपना वो ई-मेल आई.डी. और पासवर्ड डालिये जो उस स्मर्टफ़ोन में पड़ी हो जो खो गया है।

Step 7. उसके बाद लॉग इन करिये ।
Step 8. लॉगिन होने के बाद में आपको आपके फ़ोन का नाम दिखायेगा।
Step 9. वही पर आपको राईट साइड पर एक मेनू बार शो हो रहा होगा उसको क्लिक करें।
Step 10. उसको क्लिक करते ही इसमें लोकेशन का ऑप्शन आएगा बस उसको क्लिक कर दीजिये।
Step 11. लोकेशन सर्च करने लगेगा व कुछ ही सेकंड में आपके मोबाइल की लोकेशन शो हो जाएगी।
( चुकी ये लोकेशन तभी बताता है जब आपके मोबाइल की लोकेशन ऑन होगी। )
Step 12. इसी में आप को कई और सर्विस भी मिलेंगी जिसमे एक है रिंग करना अपने फ़ोन में और लॉक करना अपने फ़ोन को।
Step 13. यदि आपका डाटा बहुत जरुरी है मोबाइल में और आप नहीं चाहते कोई और उसको देखे तो आप यही से उस सब डाटा को डिलीट भी कर सकते है। उसके लिए आपको Erase data पर क्लिक करना होगा।

इस पोस्ट में लिखी सभी बात मैंने अपने खुद के मोबाइल पर अमल की है और ये सब मेरे फ़ोन में काम भी करी, यदि आपके फ़ोन के लिए काम नहीं करती है तो इसमें हमारे पोस्ट और ब्लॉग की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
यह ब्लॉग और पोस्ट सिर्फ टेक्निकल इनफार्मेशन को आगे ले जाने के लिए है यह किसी भी तरह से किसी साइबर क्राइम को सपोर्ट नहीं करता है।
धन्यबाद
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अब बिना इंटरनेट के ऐसे जमकर चलाएं व्हाट्सएप...

अगर आप सोशल साइट व्हाट्सएप (WhatsApp) का प्रयोग करते हैं तो इस खबर के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। क्योंकि अब आप बिना इंटरनेट के भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको चैट सिम का इस्तेमाल करना होगा।
इस चैट सिम के द्वारा आप बिना इंटरनेट न सिर्फ व्हाट्सएप बल्कि लाइन, टेलीग्राम और फेसबुक मैसेंजर जैसे एप्स का इस्तेमाल भी बिना इंटरनेट के कर सकते हैं। यह सर्विस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में समान रूप से काम करेगी।
अभी चैट सिम दुनिया के 150 देशों में उपलब्ध है। इनमें भारत भी शामिल है। भारत में इस सेवा का लाभ उठाने के लिए सालाना 900 रुपए चुकाने होंगे। भारत में चैट सिम आपको स्टोर पर नहीं मिलेगा। इसे ऑनलाइन ऑर्डर करना होगा।

क्या है चैट सिम
चैट सिम विश्व का पहला सिम कार्ड है जिसमें बिना इंटरनेट के सभी चैट एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आप अनलिमिटेड टैक्स्ट मैसेज भेज और रिसीव कर सकते हैं। हालांकि टेक्स्ट के अलावा इस सिम की मदद से आप और किसी भी तरह की जानकारी नहीं भेज सकते हैं। जैसे फोटो, वीडियो आदि।
कैसे करता है काम
चैट सिम जैसे ही फोन में लगाते हैं वैसा ही यह लोकल नेटवर्क ऑपरेटर्स को सर्च कर डाटा से कनेक्ट हो जाता है। डेटा कनेक्ट होते ही आप किसी भी एप्लीकेशन के माध्यम से चैट शुरु कर सकते हैं।
दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लगी, हमको कमेंट पर बताना ना भूलें।
धन्यबाद
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कैसे लगाये अपने जियो नंबर पर फ्री जियो कॉलर टोन

दोस्तों अगर आप नहीं चाहते है लोग आपको फ़ोन करे और उनको बोरिंग की कॉमन टोन सुनाई दे, तो अब आप अपने जियो नंबर पर जियो कॉलर टोन लगा सकते हैं और लोगो को अपना मन चाहा गाना या टोन सुना सकते हैं।
अब लोग आपको करेंगे बार बार कॉल जब होगी आपके पास जियो की कॉलर टोन।
आइये जानते है कैसे लगाये जियो कॉलर टोन अपने जियो नंबर पर वो भी बिल्कुल फ्री।
किसी भी गाने को अपनी कॉलर टोन बनाने के लिए फॉलो करिये इन स्टेप्स को-
MOVIE <movie Name> send it to 56789
ALBUM <Album Name> send it to 56789
SINGER <singer Name> send it to 56789
Eg. song “Tu Mera Khuda from Ae Dil Hai Mushkil movie.

1. Send MOVIE <AE DIL HAI MUSHKIL> to 56789
2. Send your song number.
3. Soon you will receive another message asking your confirmation. Send Y to confirm.
4. Your caller tune will be activated instantly.
अगर आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत आती है तो आप कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके पूछ सकते हैं।
हम सभी कमेंट का रिप्लाई देते हैं।
दोस्तों शेयर करिये और कमेंट करके बताइये आपको हमारा ये और बाकी पोस्ट कैसे लगे।
धन्यबाद
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