वाक्य की परिभाषा
शब्दों के एक सार्थक समूह को ही वाक्य कहते हैं।
सार्थक का मतलब होता है अर्थ रखने वाला। यानी शब्दों का ऐसा समूह जिससे कोई अर्थ निकल रहा हो, वह वाक्य कहलाता है।
वाक्यों का वर्गीकरण
- रचना के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं:
- सरल वाक्य
- सयुंक्त वाक्य
- मिश्रित/ मिश्र वाक्य
सरल वाक्य
ऐसा वाक्य जिसमे एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता होता है या जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है, वे वाक्य सरल वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण:
- रोहन खेलता है।
- मीता दौड़ती है।
- आकाश भागता रहता है।
- श्याम पढ़ाई करता है।
- सीता खाना खाती है।
- संगीता चलती है।
(सरल वाक्य के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – सरल वाक्य – उदाहरण, परिभाषा)
सयुंक्त वाक्य
ऐसा वाक्य जिसमे दो या दो से अधिक उपवाक्य हो एवं सभी उपवाक्य प्रधान हों, ऐसे वाक्य को सयुंक्त वाक्य कहते हैं।
उदाहरण :
- वह सुबह गया और शाम को लौट आया।
- दिन ढल गया और अन्धेरा बढ़ने लगा।
- प्रिय बोलो पर असत्य नहीं।
- मैंने बहुत परिश्रम किया इसलिए सफल हो गया।
- मैं बहुत तेज़ दौड़ा फिर भी ट्रेन नहीं पकड़ सका।
(संयुक्त वाक्य के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – संयुक्त वाक्य – उदाहरण, परिभाषा)
मिश्र वाक्य
ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ-साथ कोई दूसरा उपवाक्य भी हो, वे वाक्य मिश्र वाक्य कहलाते हैं।
मिश्र वाक्योँ की रचना एक से अधिक ऐसे साधारण वाक्योँ से होती है, जिनमेँ एक प्रधान वाक्य होता है एवं दूसरा वाक्य आश्रित होता है।
उदाहरण :
- जो औरत वहां बैठी हैं वो मेरी माँ है।
- जो लड़का कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।
- यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।
- मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।
(मिश्र वाक्य के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – मिश्र वाक्य – उदाहरण, परिभाषा)